नई दिल्ली।। सब्जियों की महंगाई के बीच थोक और खुदरा कीमतों में बड़े
अंतर की शिकायत तो आती रहती है, लेकिन मंडियों में किसी सब्जी के होलसेल रेट में अंतर
भी कम चौंकाने वाला नहीं है। एग्रो प्रड्यूस मार्केंटिंग कमिटियों (एपीएमसी) की ओर
से जारी डेली रेट बुलेटिन में एक ही सब्जी की न्यूनतम और अधिकतम कीमतों का अंतर
300 फीसदी से भी ज्यादा है।
जमाखोरी और रीटेल कीमतों की अटकलबाजी को काबू करने के
मकसद से खुद दिल्ली सरकार भी मंडियों के रेट प्रकाशित-प्रसारित कर रही है, लेकिन इतने
बड़े अंतर के बीच आम ग्राहक या रीटेलर के लिए सही थोक मूल्य का पता लगा पाना बेहद मुश्किल
हो रहा है। इस बारे में एपीएमसी की दलील है कि क्वॉलिटी और वरायटी में काफी अंतर होने
के चलते कोई औसत रेट निकालना मुश्किल है।
एशिया की सबसे बड़ी फल और सब्जी मंडी आजादपुर में बुधवार
को आलू की न्यूनतम थोक कीमत 6.25 रुपए प्रति किलोग्राम थी, जबकि अधिकतम रेट 19 रुपए
प्रति किलोग्राम। प्याज की न्यूनतम कीमत 11.50 रुपए जबकि अधिकतम 25 रुपए प्रति किलोग्राम।
इसी तरह टमाटर 12 से 39 रुपए, अरबी 10 से 17, बैंगन 16.50 से 29, खीरा 6.25 से 20
, बंदगोभी 10 से 25.50, चौलाई 6 से 12.5, भिंडी 9.50 से 17, करेले की न्यूनतम कीमत
10 और अधिकतम 14.50 रुपए प्रति किलोग्राम थी। लौकी 6 से 12, पालक 13.50 से 20, कद्दू
2 से 4.50, कटहल 8 से 16, तोरी 9 से 15, टिंडा न्यूनतम 14.25 और अधिकतम 25 रुपए प्रति
किलोग्राम की दर पर बिक रहे हैं। प्याज, आलू, टमाटर, खीरा, भिंडी सहित कई सब्जियों
के न्यूनतम और अधिकतम रेट में ही 250 से 300 फीसदी का अंतर देखा जा सकता है।